: yiiX1RA5bZrmoXYgkLvmMW-Ywi0 MIHIR BHOJ NAYI DISHA GROUP: माता गुर्जरी

17/03/2012

माता गुर्जरी


1.    माता गुर्जरी :- माता गुर्जरी का जन्म गुर्जर परिवार में भाई लाल चन्द सुबुलिका और  बिशन कौर  के यहा करतार पुर जिला  कपूरथला पंजाब में हुआ था,  गुर्जरी माता की शादी 4 फ़रवरी 1633 को सिक्खों के  9  वे (गुरु)  गुरु तेग बहादुर से हुई थी. माता गुर्जरी 22 ने 1666 दिसम्बर को एक बेटे को जन्म दिया. बच्चे का नाम गोबिंद सिंह नामित किया गया था. (आगे चलकर गोविद सिंह, सिक्खों 10 के वे गुरु, गुरु गोविद सिंह हुए) . 1 जुलाई, 1675 पर में एक महत्वपूर्ण दिन है जब गुरु तेघ बहादुर अपने प्राणों का बलिदान करने के लिए दिल्ली गए जाने से पहले गुरु तेघ बहादुर ने माता गुर्जरी के कंधो पर गुरु गोविन्द सिंह और अपनी माता की जिमेदारी सोपी माता गुर्जरी ने बिदाई के समयसाहस दिखाया और धैर्य और साहस के साथ अपने पति गुरु तेघ बहादुर को अपने प्राणों का बलिदान करने के लिए रवाना किये और अपने भाई गुर्जर किरपाल के साथ मिलकर चक्क नान्न्की में मामलों के प्रबंधन की जिम्मेदारी ली बाद में  11 नवम्बर 1675 के दिन गुरु तेघ बहादुर को दिल्ली में मुगलों के द्वारा को मार डाला गया था, बाद में  9 वर्ष की आयु में गुरु गोविन्द सिंह सिक्खों के 10 वे गुरु बने,,,, गुरु गोविन्द सिंह मुगलों के खिलाप लड़ते रहे, माता गुर्जरी पुरे साहस के साथ उनका साथ देती रही  8 दिसंबर 1705 में कुछ लोगो के गद्दारी करने के बाद मुगलों के द्वारा माता गुर्जरी और उसके पोते, जोरावर सिंह और फतेह सिंह को गिरफ्तार कर गया लिया,  मुगल शासक औरंगजेब के आदेश के तहत माता गुर्जरी और उसके दोनों पोतो को इस्लाम धर्मं अपनाने के लिए कहा गया लिकिन धर्मं परिवर्तन करने के लिए माता गुर्जरी और दोनों पोतो ने मन कर दिया, जिसके बाद मुगलों ने माता गुर्जरी को दिसम्बर के महीने में ठन्डे कपड़ोमें एक ऊँची खुली गुम्बंद पर रखा और तरह तरह से पेरतिपादित किया और जब मुग़ल उनके होसले को नहीं तोड़ पाए तो माता गुर्जरी को उनके दोनों पोतो सहित शहीद कर दिया गया , आज भी गुर्जरी माता का नाम सिक्ख धर्मं में बड़े सम्मान से लिया जाता है और उन्हेंसाहस और बलिदान को नमस्कार किया जाता है फतेहगढ़ साहिब, गुरुद्वारा सरहिंद के पास, (ठंडा बुर्ज) कहा जाता है. यह वह जगह है जहां माता गुर्जरी ने अपने अंतिम चार दिन बिताए, आज भी गुर्जरी माता के नाम से बहुत से गुरूद्वारे और संस्थाए है
जेसे
    (A1) माता गुर्जरी महिला महाविद्यालय, जबलपुर
    (2) गुरुद्वारा श्री विवाह स्थान माता गुर्जरी जी, करतारपुर - जालंधर पंजाब
        (3) माता गुर्जरी पब्लिक स्कूल गुरदासपुर पंजाब
    (4) माता गुर्जरी मैं कॉलेज, फतेहगढ़ साहिब - पंजाब (भारत)  आदि
में माता गुर्जरी की हिम्मत, साहस, और बलिदान को सतत नमन करता हु जिन्होंने अपनी हिम्मत, साहस, और बलिदान से गुर्जर समाज और अपने धर्म का नाम रोशन किया है ये गुर्जर की बेटी जिस पर हमें नाज़ है

आपका
चौधरी जितेन्द्र गुर्जर  बुढ़ेदा

 गुर्जर समाज की और बेटियों की कहानी आगे भी जरी रहेगी ...... थोडा सो इंतजार कीजिये

 

No comments:

Post a Comment

THANKS