दोस्तों मेरा एक सवाल
अपने सभी दोस्तों हे की हमारे देश की सेना में सभी समाज की रेजिमेंट है जेसे (जाट
रेजिमेंट, राजपूत रेजिमेंट, डोगरा रेजिमेंट, सिख रेजिमेंट
आदि) लेकिन गुर्जर रेजिमेंट नहीं है जिसकी समय समय पर समाज के नेता मांग भी कर
चुके है. लेकिन आखिर क्यों सरकार हमारी मांगो पर धयान नहीं देती,,,, क्या सरकार को
हमारी मांग उचित नहीं लगती या सरकार हमारी मांग को पूरा ही नहीं करना चाहती में आप
सभी को कुछ उदहारण के साथ आपको गुर्जर रेजिमेंट की मांग के बारे में बताना चाहता
हु और पूछना चाहता हु अपने समाज के नेताओ से की उन्हें समाज की इन मांगो से कोई
सरोकार क्यों नहीं है.
2011/03/03 को जब प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह जी जम्मू कश्मीर के दोरे पर जम्मू गए थे तो वह पर उनके सामने जम्मू कश्मीर के गुर्जरों ने अपनी कुछ मांगे राखी थी जो कुछ इस तरह थी
(1) भारतीय सेना में गुर्जर रेजीमेंट की स्थापना
(2) जम्मू और कश्मीर में जनजातीय विश्वविद्यालय खोलने, (जम्मू और कश्मीर में गुर्जर जनजातीय में आते है)
(3) खानाबदोश गुज्जरों और बकरवाल गुर्जर समाज को जनगणना के आधार पर उनकी आरक्षण की मांग आदि थी जोकि प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह जी के सामने डॉ. जावेद राही ने रखी थी
(4) गुर्ज्जारी भाषा को दूरदर्शन, आकाशवाणी, सामचार, आदि में समिलित किया जाए
डॉ. जावेद राही जी की मांग के कुछ अंश है
(अ) उन्होंने कहा कि गुज्जरों जाट, राजपूत और डोगरा रेजिमेंट के पैटर्न पर 1947 के बाद से एक पूर्ण 'सेना में गुर्जर रेजीमेंट की स्थापना के लिए मांग कर रहे हैं और आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप न्याय जम्मू और कश्मीर के गुज्जरों के लिए प्रदान कर सकते हैं
आपको ये जानकर ख़ुशी होगी की ये तमाम मांगे पहले से ही सरकार केंद्र के पास लंबित है ....... यही मांगे एक बार जब श्रीमती सोनिया गाँधी जी जम्मू और कश्मीर के दोरे पर थी उनके सामने भी रखी गई थी दोनों नेताओ ने आशवासन दिया था की जल्दी ही उनकी मांगो को पूरा किया जायेगा क्योंकि मांगे लंबित है. लेकिन अफसोश की आज तक गुर्जर समाज की ये मांगे लंबित है और पता नहीं कब तक लंबित रहेंगी ........
following on Face Book -http://www.facebook.com/groups/337872282901615/
Email ; mihirbhojnayidishagroup@gmail.com
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(1) भारतीय सेना में गुर्जर रेजीमेंट की स्थापना
(2) जम्मू और कश्मीर में जनजातीय विश्वविद्यालय खोलने, (जम्मू और कश्मीर में गुर्जर जनजातीय में आते है)
(3) खानाबदोश गुज्जरों और बकरवाल गुर्जर समाज को जनगणना के आधार पर उनकी आरक्षण की मांग आदि थी जोकि प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह जी के सामने डॉ. जावेद राही ने रखी थी
(4) गुर्ज्जारी भाषा को दूरदर्शन, आकाशवाणी, सामचार, आदि में समिलित किया जाए
डॉ. जावेद राही जी की मांग के कुछ अंश है
(अ) उन्होंने कहा कि गुज्जरों जाट, राजपूत और डोगरा रेजिमेंट के पैटर्न पर 1947 के बाद से एक पूर्ण 'सेना में गुर्जर रेजीमेंट की स्थापना के लिए मांग कर रहे हैं और आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप न्याय जम्मू और कश्मीर के गुज्जरों के लिए प्रदान कर सकते हैं
आपको ये जानकर ख़ुशी होगी की ये तमाम मांगे पहले से ही सरकार केंद्र के पास लंबित है ....... यही मांगे एक बार जब श्रीमती सोनिया गाँधी जी जम्मू और कश्मीर के दोरे पर थी उनके सामने भी रखी गई थी दोनों नेताओ ने आशवासन दिया था की जल्दी ही उनकी मांगो को पूरा किया जायेगा क्योंकि मांगे लंबित है. लेकिन अफसोश की आज तक गुर्जर समाज की ये मांगे लंबित है और पता नहीं कब तक लंबित रहेंगी ........
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