रुखसाना कौसर (एक गुज्जर लड़की) का जन्म 1989 थाना मंडी, अपर कलसी, शाहदरा शरीफ, जिला राजौरी, जम्मू और कश्मीर भारत में पिता नूर हुसैन गुज्जर और माता रशीदा बेगम गुज्जर के घर में हुआ था जुलाई 2009 में रुखसाना कौसर का एजाज समीर और उसके साथियों के द्वारा अपहरण कर लिया था. इस घटना
के दो महीने बाद लश्कर - ए - तैयबा के उग्रवादी, रविवार, 27
सितंबर, 2009
में 9:30
के आस पास बजे रात को, रुखसाना कौसर के घर उसका अपहरण करने के इरादे से आये. जब रुखसाना कौसर के पिता नूर हुसैन ने दरवाजा नहीं खोला तो वो तीनो उग्रवादी मकान की खिड़की तोड़कर अन्दर घुस गए आतंकवादियों ने मांग की रुखसाना को उन्हें सौंप दिया जाये, आतंकवादियों का रुखसाना के माता पिता और उसके भाई एजाज़ ने विरोध किया तो आतंकवादियों ने उनको रायफल की बटो से मरना शुरू कर दिया, उसी समय रुखसाना के हाथ में एक कुल्हाड़ी आ गयी और उसने कुल्हाड़ी लश्कर - ए - तैयबा के आतंकवादी के सर में दे मारी, तभी दुसरे आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरु कर दी रुखसाना ने लश्कर - ए - तैयबा के आतंकवादी की ऐ 47 के राइफल छीन ली और अपने भाई एजाज की तरफ फेक दी, और दुसरे घायल आतंकवादी की रायफल उठा कर लश्कर - ए - तैयबा के आतंकवादी को रुखसाना ने गोली मार दी, लश्कर -ए - तैयबा के आतंकवादी की वही पर मौत हो गई, रुखसाना और उसके भाई ने अन्य आतंकवादियों पर गोली चलाई, जिस उन्हें वहा से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा, उसके बाद उन दोनों भाई - बहन ने शाहदरा शरीफ पुलिस पोस्ट तक जाने के लिए अपने परिवार का नेतृत्व किया रास्ते में, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आतंकवादी उनसे दूर रहे, उसका भाई एजाज और रुखसाना ऐ 47 के राइफलों से हवा में गोली चलाते रहे, तब जाकर वो अपने परिवार के साथ शाहदरा शरीफ पुलिस पोस्ट पहुंच पाए बाद में मारे गए आतंकवादी की पहचान अबू ओसामा, जो लश्कर - ए - तैयबा के कमांडर के रूप हुई
इसके बाद भी
रुखसाना कौसर (गुर्जर) के घर पर कई बार आतंकवादी हमले हुए लेकिन सरकार द्वारा उन्हें पहले से ही एक उच्च सुरक्षा पुलिस कॉलोनी में स्थानांतरित कर दिया गया था
बाद में रुखसाना कौसर और उसके भाई एजाज गुर्जर की वीरता और साहस को सलाम करते हुवे राज्य सरकार, सरकार केंद्र और विभिन लोगो द्वारा बहुत से सम्मानों सम्मानित किया गया
(1) जम्मू - कश्मीर सरकार ने रुखसाना कौसर को न्यूनतम 5000 रुपए का नकद पुरस्कार दिया है.
(2) 7 अक्टूबर, 2009 को , केंद्र सरकार
रुखसाना के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार की घोषणा
(3) 4 नवंबर, 2009 , को जयपुर में दुर्गापुरा में आयोजित एक स्वागत समारोह के दौरान रानी झांसी बहादुरी पुरस्कार दिया गया था.
(4) अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी फ्रंट के द्वारा सरदार पटेल एक पुरस्कार और लाख रुपए के नकद पुरस्कार
(5) आस्था वेलफेयर सोसाइटी, नाहन के द्वारा 1 लाख रुपए की नकद पुरस्कार
(6) 8 जनवरी, 2010 ,को
भारत के राष्ट्रपति ने रुखसाना के लिए सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक की घोषणा की
(8) दिवस गणतंत्र, 25 2010 जनवरी की पूर्व संध्या पर, रुखसाना और उसके भाई, एजाज, को उनकी बहादुरी के कार्य के लिए कीर्ति, चक्र (सर्वोच्च शांतिकाल में वीरता) पुरस्कार से सम्मानित किया गया
रुखसाना कौसर (गुर्जर) जिन्होंने अपने अदम साहस और वीरता का परिचय देते हुए अपना और अपने समाज का नाम रोशन किया है
वह जगह जहां रुखसाना का घर स्थित है, राजौरी जिले के शाहदरा शरीफ भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच संघर्ष विराम रेखा से (32 किमी) दूर है. लश्कर के उग्रवादी समूह के छुपे होने की एक जगह के रूप में जाना जाता यह घने जंगलों के करीब है.आसपास के गांवों में, आतंकवादि अक्सर भोजन और आवास की मांग करते. है यह ज्यादातर गाँव पहाड़ पर रहने वाले गुर्जरों के है हम अंदाज़ा लगा सकते है की वह हमारे भाई और बहने कितनी सुरशित है
इतिहास गवाह है की कश्मीर में आतंकवादी गतिविधिओ के बारे में पुलिसे और फोज की जितनी सूचनाये गुर्जर समाज के लोगो ने दी है उतनी किसी और ने भी दी होंगी उसका कारन ये है गुर्जर पशु पालन और भेड़ पालन के लिए जंगलो में जाते है जहा उन्हें आतंकवादी गतिविधिओ के बारे में पता चल जाता और एक कड़वा सच ये भी है की अतंकवादियो और फोज दोनों के गुस्से का शिकार वह के गुर्जर समाज को ही होना पड़ता है पता नहीं जम्मू कश्मीर में हमारे गुर्जर समाज की दशा में सूधार होगा
में रुखसाना कौसर (गुर्जर) की हिम्मत, और साहस, को सतत नमन करता हु जिन्होंने अपनी हिम्मत,और साहस, से गुर्जर समाज का नाम रोशन किया है ये है गुर्जर की बेटी जिस पर हमें नाज़ है
आपका
चौधरी जितेन्द्र अच्छवान गुर्जर
Email : jitender.gurjar@yahoo.com & mihirbhojnayidishagrup@gmail.com
गुर्जर समाज की और बेटियों की कहानी आगे भी जरी रहेगी ...... थोडा सो इंतजार कीजिये