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24/03/2012

रामप्यारी गुर्जर (गुर्जरी)


रामप्यारी गुर्जर (गुर्जरी) एक महिला सेनिक कमांडर ने सन  1398 में, जब तैमूर लैंग ने हरिद्वार से प्राचीन दिल्ली क्षेत्रों पर आक्रमण किया तो रामप्यारी गुर्जर ने तैमूर (तैमूर लैंग तैमूर लंगड़ा ") के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, उसके नाम के बाद शब्द" बहादुर रामप्यारी गुर्जर लगाया जाता है बताया जाता है की उसने 40,000 से भी अधिक महिलाओं को लड़ाई के लिए प्रशिक्षित किया था और (तैमूर लैंग तैमूर लंगड़ा ") के खिलाफ लड़ाई में हिस्सा लिया था (तैमूर लैंग तैमूर लंगड़ा") ने 1398 में भारत पर क्रूर हमला किया तैमूर. ने क्रूर और खुली लूट पाट की, वह बहुत ही करुर था, तैमूर के हमलो से बचने और तेमूर को भागने के लिए जाट, गुर्जर, त्यागी, बाल्मीकि, ब्राहमण राजपूत, आदि लोगो है ने हरवीर सिंह गुलिया (1376-1398) के नेतृतव में एक सर्व समाज की महापंचायत की इस महापंचायत में सभी समाज के लोगो ने तेमूर तैमूर, की सेना से छापामार युद्ध लड़ने की रणनीति बनायीं , और महापंचायत ने सर्व समाज की एक सेना तेयार की इस महापंचायत सेना के ध्वज के तहत 80,000  योद्धा  सैनिकों और 40,000 युवा महिला सेनिक  हतियारो के साथ शामिल हुए थे महिला सेनिको की कमांडर राम प्यारी गुर्जर थी , इस युद्ध के लिए हरवीर सिंह गुलिया (जाट) को सेनापति, चुना गया, व् नायक योद्धा जोगराज सिंह गुर्जर सुप्रीम जनरल चुना गया था डिप्टी चुना जनरलों माम चन्द गुर्जर थे तैमुर लंग के खुनी कत्लेआम से शायद ही कोई अनभिज्ञ हो. हरवीर सिंह गुलिया (जाट) ने बहुत बाहदुरी के साथ तेमूर की सेना का मुकाबला किया लेकिन इतिहास का यह महान योधा अंत में वीरगति को प्राप्त हुआ इस युद्ध में सभी समाज के लोगो ने भाग लिया था सभी ने तेमूर को भागने पर विवश कर दिया इसयुद्ध के कुछ दिनों बाद ही तेमूर लंग की मौत हो गई थी,,,, इतहास के पन्नो पर आज भी इस यूद्ध को याद किया जाता है और जब तक इस युद्ध को याद किया जाता रहेगा तब तक हरवीर सिंह गुलिया (जाट) जोगराज,सिंह गुर्जर, माम चन्द गुर्जर और बहादुर रामप्यारी गुर्जर का नाम सम्मान के साथ लिया जाता रहेगा, बहादुर रामप्यारी गुर्जर के अदम साहस, और वीरता का हमेशा नाम रहेगा जिसने महिला होते हुए भी तेमूर लंग जेसे दुश्मन के दाँत खट्टे कर दिए और अपनी वीरता औरसाहस का लोहा दुश्मन से मनवाया, राम प्यारी गुर्जर (गुर्जरी) के साथ साथ इस युद्ध में अन्य महिला सेनिको जेसे 1. हरदाई जाट. देविकोर  राजपूत. चन्द्रो ब्रह्मण, और रामदाई त्यागी आदि ने भी भाग लिए था जिन्होंने दुश्मन सेना को दिखा दिया था की हिंदुस्तान की लडकिय भी पुरुष सेनिको से कम नहीं है .. आज भी हम रामप्यारी गुर्जर (गुर्जरी) के अदम साहस और वीरता को याद करते है और उनके साहस और वीरता को सलाम करते है
में रामप्यारी गुर्जर (गुर्जरी)   की हिम्मत, साहस, और बलिदान को सतत नमन करता हु जिन्होंने अपनी हिम्मत, साहस, और बलिदान से गुर्जर समाज और अपने धर्म का नाम रोशन किया है ये है  गुर्जर की बेटी जिस पर हमें नाज़ है
सभी भाई और बहनों के विचारो का स्वागत है अगर गलती से कोई गलती हो गयी हो तो क्रप्या मुझे उस गलती से अवगत कराये 

आपका 
चौधरी जितेन्द्र अच्छवान गुर्जर
Email : jitender.gurjar@yahoo.com &  mihirbhojnayidishagrup@gmail.com

 गुर्जर समाज की और बेटियों की कहानी आगे भी जरी रहेगी ...... थोडा सो इंतजार कीजिये ..




 

1 comment:

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